आदिविष्णुस्वामी संप्रदाय
मंगलवार, 8 जुलाई 2014
सोमवार, 5 मई 2014
श्रीमदाचार्यवर्य श्री १०८ करंजी बलदेवरायजी लालाजी महाराजश्री आपनें आदिविष्णुस्वामी संप्रदाय का परचम भारत में फहराया भारत के विभिन्न स्थलों का प्रवास कर दुर दुर तक बसे विष्णुस्वामीसम्प्रदाय के वैष्णवो का तथा अन्य दैवी जीवों का उद्धार किया। यह छवीजी जगन्नाथपुरी मन्दिर कि है जहाँ आपश्री ने जगन्नाथजी की आरती की सेवा की एवम
सभी वैष्णव सृष्टि को दर्शन का लाभ मिला मेरे पिताजी आपश्री के इस दिव्य प्रवास मे साथ थे ।
सभी वैष्णव सृष्टि को दर्शन का लाभ मिला मेरे पिताजी आपश्री के इस दिव्य प्रवास मे साथ थे ।
मंगलवार, 1 अप्रैल 2014
Shri Krushnarayji Lalaji Maharaj dwarika
आदि विष्णुस्वामी पीठ द्वारिका श्री कृष्णरायजी लालजी महाराजश्री
आप का अवतरण समय १७ वी सदी रहा उस समय के प्रसिद्द व्याकरणाचार्य श्री भट्टोजि दीक्षित से आपश्री ने संस्कृत व्याकरण का ज्ञान प्रखर प्रतिभा के कारण एक महीने में ही प्राप्त किया ।
आपश्री ने अपने पूर्वाचार्य श्री १०८ विष्णुस्वामीगोपालाचार्यजी द्वारा सिद्ध गोपालभाष्य पर अपनी सरलार्थ टीका लिखी जो कि आपश्री के व्याकरण ज्ञान का द्योतक है ।
आपश्री ने यज्ञ यागादि किये तथा अपने संप्रदाय कि रीत सिद्धांत अनुसार गोपाल प्रभु कि सेवा कि ।
आप का अवतरण समय १७ वी सदी रहा उस समय के प्रसिद्द व्याकरणाचार्य श्री भट्टोजि दीक्षित से आपश्री ने संस्कृत व्याकरण का ज्ञान प्रखर प्रतिभा के कारण एक महीने में ही प्राप्त किया ।
आपश्री ने अपने पूर्वाचार्य श्री १०८ विष्णुस्वामीगोपालाचार्यजी द्वारा सिद्ध गोपालभाष्य पर अपनी सरलार्थ टीका लिखी जो कि आपश्री के व्याकरण ज्ञान का द्योतक है ।
आपश्री ने यज्ञ यागादि किये तथा अपने संप्रदाय कि रीत सिद्धांत अनुसार गोपाल प्रभु कि सेवा कि ।
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श्रीमद कृष्णरायजी लालजी महाराजश्री द्वारिका |
रविवार, 19 जनवरी 2014
शुक्रवार, 9 अगस्त 2013
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